Uttarakhand: 2047 तक विकसित देश की पंक्ति में होगा भारत, प्रदेश को दी 8260 करोड़ की सौगात – पीएम मोदी
देहरादून। उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर शनिवार को एफआरआई देहरादून में भव्य रजत जयंती समारोह आयोजित किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने राज्य को 8260 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात दी और एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत गढ़वाली भाषा में की और कहा— “देवभूमि उत्तराखंड का मेरा भाई बंधो, भैया भूली, आप सबलै नमस्कार।”
पीएम मोदी ने गढ़वाली में आगे कहा, “2047 मा भारत थे विकसित देशों की लेन मा ल्याण थुणी म्यारो उत्तराखंड मेरो देवभूमि पूरी तरह त्यार छिन।” उन्होंने राज्य की 25 वर्षों की उपलब्धियों को जनता के सामने रखा और कहा कि यह यात्रा हर उत्तराखंडी के परिश्रम और संकल्प की प्रतीक है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि राज्य का बजट जहाँ वर्ष 2000 में मात्र 4000 करोड़ रुपये था, वहीं अब यह एक लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड अब ऊर्जा प्रदेश बन चुका है— बिजली उत्पादन चार गुना बढ़ गया है। सड़क नेटवर्क दोगुना हो गया है और हवाई कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व सुधार आया है। पहले जहाँ छह महीने में चार हजार यात्री हवाई जहाज से आते थे, अब एक दिन में इतने यात्री आते हैं।
पीएम मोदी ने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र की प्रगति का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि पहले राज्य में एक ही मेडिकल कॉलेज था, जबकि अब दस मेडिकल कॉलेज कार्यरत हैं। वैक्सीन कवरेज, जो पहले 25 प्रतिशत से भी कम था, अब 100 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की आध्यात्मिक धड़कन, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और खेल के क्षेत्र में नए प्रोजेक्ट राज्य को विकास की नई ऊँचाइयों तक पहुँचाएँगे।
प्रधानमंत्री ने युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का आह्वान करते हुए कहा, “जहां चाह वहां राह”। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में योग केंद्र और होमस्टे विकसित किए जाएँ ताकि पर्यटन और स्थानीय रोजगार को बल मिले। उन्होंने पहाड़ी भोजन और लोक मेलों को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने की बात कही और कहा कि “एक जिला, एक मेला” अभियान जैसे प्रयास राज्य की सांस्कृतिक पहचान को सशक्त करेंगे।
अंत में पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि सरकार ने आपदा प्रबंधन, भूमि अतिक्रमण और जनकल्याण के क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किया है। उन्होंने विश्वास जताया कि “उत्तराखंड आने वाले वर्षों में भारत के विकास मॉडल का प्रेरक केंद्र बनेगा।”
