Dehradun Breaking: वकीलों की हड़ताल 21वें दिन में, अदालत के सामने चक्का जाम—कामकाज पूरी तरह ठप

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वकीलों की हड़ताल

वकीलों की हड़ताल

देहरादून में वकीलों की हड़ताल आज 21वें दिन भी जारी रही। लगातार तीन हफ्तों से अधिक समय से जारी इस आंदोलन ने अदालत और रजिस्ट्रार कार्यालय का कामकाज पूरी तरह ठप कर दिया है। सोमवार को भी वकील हरिद्वार रोड स्थित अदालत के सामने धरने पर डटे रहे और चक्का जाम जारी रखने की घोषणा की।

बार एसोसिएशन देहरादून का कहना है कि उनकी प्रमुख मांगों पर सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया है। इसी कारण वकीलों ने संकेतात्मक नहीं, बल्कि लगातार चक्का जाम करने का निर्णय लिया है। वकीलों ने बताया कि चेंबर के लिए भूमि आवंटन और सरकार द्वारा चेंबर निर्माण की स्वीकृति उनकी प्रमुख मांगों में शामिल है।

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने कहा कि बीते कई दिनों से संघर्ष समिति द्वारा सरकार को पत्र भेजकर मांगों के समाधान की बात कही जा रही है, लेकिन प्रशासन की चुप्पी आंदोलन को और तेज करने के लिए मजबूर कर रही है। उन्होंने बताया कि शनिवार को वकीलों ने घंटाघर तक मार्च निकालकर अपनी आवाज उठाई, फिर भी सरकार की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।

धरनास्थल पर आज भी वकीलों ने आगे की रणनीति पर चर्चा की। कई वकीलों ने कहा कि जब तक सरकार स्पष्ट निर्णय नहीं लेती, तब तक हड़ताल खत्म नहीं की जा सकती। अदालत परिसर में माहौल पूरी तरह शांत रहा, लेकिन न्यायिक कार्य पूरी तरह रुका रहा। इससे आम लोगों के मुकदमों, फाइलों और रोजमर्रा के कामों पर भारी असर पड़ रहा है।

इस हड़ताल के चलते कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई प्रभावित हो रही है। वहीं, आम नागरिकों के लिए आवश्यक कानूनी प्रक्रियाएं भी अटकी हुई हैं। वकीलों का कहना है कि आंदोलन उनके हित में ही नहीं, बल्कि न्यायिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए भी जरूरी है। फिलहाल, वकीलों का धरना और चक्का जाम अनिश्चितकाल तक जारी रहने की संभावना है।

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