Uttarakhand: रेलवे की कंप्यूटर-आधारित परीक्षा में नकल का बड़ा खुलासा, देहरादून में सॉल्वर गिरफ्तार – हरियाणा तक जुड़े तार

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गिरफ्तार

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उत्तराखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) की कंप्यूटर-आधारित परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह का एक संदिग्ध सॉल्वर मंगलवार को पटेल नगर थाना क्षेत्र के एक परीक्षा केंद्र से गिरफ्तार किया गया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी के तार हरियाणा में सक्रिय एक नकल मॉड्यूल से जुड़े हुए हैं, जो पिछले कुछ समय से कई राज्यों में डिजिटल माध्यम से नकल कराने की कोशिश कर रहा था।

सूत्रों के अनुसार, संदिग्ध युवक परीक्षा के दौरान किसी विशेष मैसेजिंग एप्लिकेशन के माध्यम से प्रश्नपत्र और संभावित उत्तर भेज–प्राप्त कर रहा था। परीक्षा केंद्र में लगे डिजिटल सर्विलांस और संदेहजनक गतिविधि को देखते हुए केंद्र प्रशासन और पुलिस ने उसे मौके पर ही पकड़ लिया। इसके बाद उसे पूछताछ के लिए पटेल नगर थाना लाया गया, जहाँ देर रात तक उसके खिलाफ संबंधित धाराओं में FIR दर्ज की गई।

प्रारंभिक पूछताछ में यह बात सामने आ रही है कि गिरोह परीक्षा से पहले या परीक्षा के दौरान उम्मीदवारों के बायोमेट्रिक्स और डिजिटल एंट्री सिस्टम को बायपास करने की कोशिश कर सकता था। इसके लिए सॉल्वर जैसे प्रशिक्षित लोगों को अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर भेजा जा रहा था। पकड़ा गया युवक कथित रूप से इसी नेटवर्क का एक हिस्सा था, जो पैसे लेकर परीक्षा पास कराने की जिम्मेदारी निभा रहा था।

पुलिस आरोपी के फ़ोन और डिजिटल उपकरणों की फॉरेंसिक जांच करा रही है। आशंका है कि आरोपी और उसके सहयोगी एक विशेष प्राइवेट मैसेजिंग ऐप के माध्यम से कोड भाषा का उपयोग करके प्रश्न और उत्तर साझा कर रहे थे। इससे पहले भी कुछ राज्यों में इसी ऐप का उपयोग नकल मॉड्यूल द्वारा किए जाने की जानकारी सामने आ चुकी है।

सीओ सदर अंकित कंडारी ने बताया कि जांच प्रारंभिक चरण में है और आरोपी के मोबाइल डेटा, कॉल डिटेल और डिजिटल ट्रांज़ैक्शन्स के आधार पर पूरे नेटवर्क को ट्रेस किया जा रहा है। हरियाणा में सक्रिय संदिग्ध गिरोह के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि यह नेटवर्क कितने राज्यों में फैला है और अब तक कितने पेपरों को प्रभावित कर चुका है।

घटना के बाद रेलवे भर्ती बोर्ड और परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं। पुलिस फिलहाल आरोपी को रिमांड में लेकर गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुँचने की कोशिश कर रही है।

यह मामला एक बार फिर यह संकेत देता है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में डिजिटल नकल के नए तरीके सामने आ रहे हैं, जिनसे निपटने के लिए परीक्षा एजेंसियों और सुरक्षा तंत्र को और अधिक सख्ती और तकनीकी सतर्कता अपनाने की आवश्यकता है।

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