यूसीसी संशोधन विधेयक पर फिर मंथन, लोक भवन की आपत्तियों के बाद दो विधेयक दोबारा विधानसभा में पेश होंगे

0
यूसीसी संशोधन विधेयक

यूसीसी संशोधन विधेयक

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) संशोधन विधेयक एक बार फिर चर्चा के केंद्र में आ गया है। लोक भवन द्वारा आपत्तियों के साथ लौटाए गए इस विधेयक का अब संबंधित विभाग दोबारा परीक्षण करेगा। गैरसैंण में आयोजित विधानसभा सत्र के दौरान सरकार ने यूसीसी संशोधन विधेयक को सदन से पारित कर लोक भवन भेजा था, लेकिन तकनीकी खामियों के चलते राज्यपाल ने इसे वापस कर दिया।

सूत्रों के अनुसार, यूसीसी संशोधन विधेयक में धारा-4 के तहत निर्धारित न्यूनतम आयु से कम उम्र में विवाह पर सजा से जुड़े प्रावधान का दो बार उल्लेख किया गया था। इसी दोहराव को लेकर लोक भवन ने आपत्ति जताई और विधेयक को पुनर्विचार के लिए सरकार को लौटा दिया। अब गृह विभाग इन आपत्तियों का निस्तारण कर संशोधित अध्यादेश के रूप में इसे फिर से विधानसभा में पेश करेगा।

इसके साथ ही लोक भवन ने धर्मांतरण से जुड़े विधेयक को भी शासन को वापस भेज दिया है। धर्मस्व विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वह विधेयक में मौजूद सभी कमियों को दूर कर संशोधित प्रारूप तैयार करे, ताकि इसे दोबारा सदन में रखा जा सके। सरकार का मानना है कि कानूनी और संवैधानिक दृष्टि से विधेयकों का पूरी तरह स्पष्ट और त्रुटिरहित होना आवश्यक है।

राज्य सरकार के स्तर पर यह माना जा रहा है कि लोक भवन की आपत्तियां विधायी प्रक्रिया का हिस्सा हैं और इनका उद्देश्य कानून को और अधिक सुदृढ़ बनाना है। विभागीय स्तर पर परीक्षण के बाद विधेयकों को नए सिरे से तैयार किया जाएगा, जिससे भविष्य में किसी प्रकार की कानूनी अड़चन न आए।

राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से यूसीसी संशोधन विधेयक को बेहद अहम माना जा रहा है। ऐसे में इसके दोबारा विधानसभा में आने को लेकर सियासी हलकों में भी चर्चाएं तेज हो गई हैं। विपक्ष जहां सरकार पर जल्दबाजी का आरोप लगा सकता है, वहीं सरकार इसे कानूनी मजबूती की दिशा में उठाया गया जरूरी कदम बता रही है। फिलहाल, सभी की नजरें आने वाले विधानसभा सत्र पर टिकी हैं, जहां संशोधित विधेयकों को पेश कर सरकार लोक भवन की आपत्तियों को दूर करने का प्रयास करेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सेहत