हेली एंबुलेंस शुरू करने वाला पहला संस्थान बनेगा एम्स ऋषिकेश

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Heli Ambulance Aiims Rishikesh- एम्स ऋषिकेश में 108 एंबुलेंस की तर्ज पर हेली एंबुलेंस सेवा आज से शुरू होने जा रही है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्चुअली माध्यम से कार्यक्रम से जुड़कर इस ऐतिहासिक सेवा का शुभारंभ करेंगे, इसी के साथ एम्स देश में हेली एंबुलेंस शुरू करने वाले पहला संस्थान होने का गौरव हासिल करेगा।

एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि एम्स में शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व कई सांसद व विधायक उपस्थित रहेंगे। उन्होंने बताया कि संजीवनी योजना के अतंर्गत हेली एंबुलेंस सेवा का संचालन किया जाएगा, यह सेवा पूरी तरह निश्शुल्क होगी, इसका लाभ प्रदेशभर में मिलेगा कहा कि हेली एंबुलेंस का कई चरणों में ट्रायल लिए जा चुके हैं, जो पूरी तरह सफल रहे।

एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि हेली एंबुलेंस सेवा का दुरुपयोग न हो, इसके लिए वास्तविक जरूरतमंद की पहचान के लिए विशेष ढांचा तैयार किया गया है, किसी भी क्षेत्र में दुर्घटना होने पर घायल को नजदीकी सरकारी चिकित्सालय में ले जाया जाता है। यदि चिकित्सक घायल की स्थिति को खतरे में पाएंगे और कुछ घंटे के भीतर आवश्यक उपचार की आवश्यकता महसूस करेंगे तो उनकी सिफारिश पर स्थानीय प्रशासन के सहयोग से हेली एंबुलेंस का लाभ लिया जा सकेगा।

Heli Ambulance Aiims Rishikesh- यह होगा लाभ का दायरा

हेली एंबुलेंस सेवा का लाभ पूरे उत्तराखंड में लिया जा सकेगा, उत्तराखंड की सीमा से लगते उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी हेली एंबुलेंस सेवा का लाभ लिया जाएगा।

एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय एम्स हेली एंबुलेंस सेवा के कंट्रोल रूम से जुड़े रहेंगे। यदि प्रदेशभर में कोई बड़ी आपदा या सड़क दुर्घटना होती है, जिसमें कोई वास्तविक जरूरतमंद हो तो उसे जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय की सिफारिश पर हेली एंबुलेंस सेवा का लाभ मिल सकेगा।

प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि संजीवनी योजना का संचालन केंद्र व राज्य सरकार संयुक्त रूप से कर रहे हैं। केंद्र व राज्य 50-50 प्रतिशत खर्च वहन करेंगे, योजना के अंतर्गत हेली एंबुलेंस में प्रत्येक महीने कम से कम 30 जरूरतमंदों को लाभ पहुंचाना अनिवार्य है, एम्स का प्रयास रहेगा कि ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंदों को लाभ मिल सके।

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