देहरादून में होमगार्ड स्थापना दिवस पर सीएम धामी की बड़ी घोषणाएँ, भोजन भत्ता बढ़ा–महिला कर्मियों को मिला मातृत्व अवकाश
सीएम धामी
देहरादून में होमगार्ड एवं नागरिक सुरक्षा स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कर होमगार्ड संगठन को बड़ी सौगात दी। रायपुर स्थित परेड ग्राउंड में आयोजित रैतिक परेड में शामिल होकर सीएम धामी ने वार्षिक कैलेंडर का विमोचन किया तथा जवानों के कल्याण से जुड़ी अनेक सुविधाओं की घोषणा की, जिसकी पूरे प्रदेश में सराहना हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि होमगार्ड कठिन परिस्थितियों में पुलिस, प्रशासन और आपदा प्रबंधन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं, इसलिए उनका सम्मान और सुविधाओं में सुधार सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने घोषणा की कि अब होमगार्ड जवानों को साल में 12 आकस्मिक अवकाश मिलेंगे। महिला होमगार्ड कर्मियों को मातृत्व अवकाश का लाभ मिलेगा, जो संगठन में कार्यरत महिलाओं के लिए बड़ी राहत का कदम माना जा रहा है।
इसके साथ ही 9000 फीट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात होमगार्ड को पुलिस और एसडीआरएफ की तर्ज पर 200 रुपये प्रतिदिन प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। एसडीआरएफ की ट्रेनिंग प्राप्त होमगार्ड कर्मियों को 100 रुपये अतिरिक्त भत्ते का लाभ मिलेगा। भोजन भत्ता भी 50 फीसदी बढ़ा दिया गया है, जबकि वर्दी भत्ता दोबारा शुरू कर दिया गया है। ट्रेनिंग भत्ता बढ़ाकर 140 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया, जो पहले केवल 50 रुपये था।
स्थापना दिवस समारोह के बाद मुख्यमंत्री धामी कनक चौक स्थित पार्क पहुँचे, जहाँ उन्होंने भारत के प्रथम सीडीएस और उत्तराखंड के गौरव स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनकी चौथी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनरल रावत का जीवन अनुशासन, वीरता और राष्ट्रभक्ति की ऐसी मिसाल है, जो आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करती रहेगी। उन्होंने उपस्थित जनप्रतिनिधियों, सैनिकों और नागरिकों के साथ दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
कार्यक्रम के माध्यम से सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया कि होमगार्ड संगठन राज्य की सुरक्षा और व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और उनकी बेहतरी के लिए सरकार निरंतर प्रतिबद्ध है। नई घोषणाओं से हजारों होमगार्ड कर्मियों में उत्साह देखा जा रहा है, और इन सुधारों को प्रदेश में कानून–व्यवस्था तथा आपदा प्रबंधन को मजबूत बनाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
