मोहब्बत में हद पार करना अब सिर्फ इश्क नहीं, मानसिक असंतुलन का संकेत बनता जा रहा है।
देहरादून से एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है, जहाँ प्रेम और जुनून के नाम पर लोग मानसिक विकार की गिरफ्त में आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जब इश्क हद से आगे बढ़कर अपने वजूद को खो देता है, तो यह एक भावनात्मक बीमारी का संकेत है — जिसे “बॉर्डर पर्सनैलिटी डिसऑर्डर” (BPD) कहा जाता है।
जिला चिकित्सालय के मनोरोग विभाग में हर महीने औसतन पाँच नए मरीजों में इस बीमारी की पुष्टि हो रही है। चिकित्सकों का कहना है कि यह विकार खासकर 14 से 18 वर्ष की उम्र के किशोरों में तेजी से बढ़ रहा है।
मानसिक विशेषज्ञों के अनुसार, मस्तिष्क के तीन प्रमुख हिस्से — एमिग्डाला, हिपोकैंपस और प्रेफ्रंटल कॉर्टेक्स — जब असंतुलित हो जाते हैं, तो व्यक्ति की भावनाएँ और सोचने-समझने की क्षमता नियंत्रण से बाहर हो जाती है। ऐसा व्यक्ति किसी पर भी आँख मूँदकर भरोसा करने लगता है और अल्प समय में उस व्यक्ति के प्रति अंधा लगाव पाल लेता है।
वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. निशा सिंगला बताती हैं कि अधिकतर मामलों में युवा प्रेमी युगल ही इस विकार के शिकार पाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारे पास आने वाले ज़्यादातर मरीज वर्चुअल रिलेशनशिप में फँसे होते हैं, जहाँ वे अपने साथी से कभी वास्तविक रूप से नहीं मिले, लेकिन उनके लिए जान देने को तैयार रहते हैं।”
डॉ. सिंगला के अनुसार, कई अभिभावक बताते हैं कि जब वे बच्चों को मोबाइल या सोशल मीडिया संपर्क से रोकते हैं, तो वे खुद को नुकसान पहुँचाने लगते हैं — यहाँ तक कि आत्मघाती कदम उठाने की कोशिश करते हैं।
