देहरादून में बड़ा खुलासा! संरक्षित कछुओं की तस्करी करते दंपती रंगे हाथ पकड़े गए

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कछुओं की तस्करी

कछुओं की तस्करी

देहरादून जिले के रायवाला क्षेत्र में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए संरक्षित प्रजाति के 14 कछुओं के साथ एक दंपती को गिरफ्तार किया है। दोनों इन्हें नजीबाबाद से ऋषिकेश ले जा रहे थे, जहां इन्हें महंगे दामों पर बेचने की तैयारी थी। वन्यजीव तस्करी के इस मामले ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है।

घटना गुरुवार सुबह करीब आठ बजे की है, जब रायवाला पुलिस बाजार क्षेत्र में नियमित वाहन चेकिंग कर रही थी। उसी दौरान ऋषिकेश की ओर जा रही एक कार को जांच के लिए रोका गया। प्रभारी निरीक्षक राजेंद्र सिंह खोलिया के अनुसार, पुलिस को देखते ही वाहन चालक स्पष्ट रूप से घबरा गया। पूछताछ के दौरान वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया, जिससे पुलिस का शक गहरा गया।

इसके बाद जब पुलिस ने कार की डिक्की की तलाशी ली तो एक बोरे में 14 छोटे-बड़े कछुए बरामद किए गए। कछुओं की हालत देखकर स्पष्ट था कि उन्हें लंबे समय से बांधकर रखा गया था। कार में चालक के साथ उसकी पत्नी भी मौजूद थी। जांच में पता चला कि आरोपी दंपती की पहचान बेताब नाथ और बरखा देवी के रूप में हुई, जो काले की ढाल सपेरा बस्ती के रहने वाले हैं।

पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक पूछताछ में दंपती ने स्वीकार किया कि वे इन कछुओं को ऋषिकेश में ऊंचे दामों पर बेचने की योजना बना रहे थे। संरक्षित प्रजाति होने के चलते इन कछुओं की तस्करी वन्यजीव संरक्षण अधिनियम का गंभीर उल्लंघन है। पुलिस ने तुरंत दोनों के खिलाफ अधिनियम की संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

बताया जा रहा है कि तस्करों का एक गिरोह नजीबाबाद से लेकर हरिद्वार-ऋषिकेश तक सक्रिय है, जो अवैध रूप से वन्यजीवों की तस्करी कर बाजार में बेचता है। पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की जांच में जुट गई है और दंपती से पूछताछ कर अन्य आरोपियों की जानकारी जुटाई जा रही है।

स्थानीय पुलिस का कहना है कि वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर सख्त निगरानी जारी रहेगी, ताकि ऐसे मामलों पर तुरंत रोक लगाई जा सके। रायवाला क्षेत्र में लगातार बढ़ रही तस्करी की गतिविधियों को देखते हुए सुरक्षा और चौकसी और भी बढ़ा दी गई है।

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