देहरादून में हरक सिंह रावत के बयान से बवाल: सिख समाज में भारी आक्रोश, विरोध-प्रदर्शन तेज
हरक सिंह रावत
देहरादून में वकीलों के धरनास्थल पर कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के एक बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। शुक्रवार को दिए गए कथित आपत्तिजनक टिप्पणी से सिख समुदाय की भावनाएं आहत हुईं, जिसके बाद शनिवार को विरोध-प्रदर्शन भड़क उठा। समुदाय के लोगों ने घंटाघर चौक पर रावत का पुतला दहन कर कड़ा विरोध दर्ज कराया।
घटना वकीलों की हड़ताल के 26वें दिन हुई, जब हरक सिंह रावत हरिद्वार रोड स्थित धरनास्थल पर पहुंचे थे। जैसे ही एक सिख वकील अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए, हरक ने उन्हें बैठने को कहते हुए ऐसा शब्द इस्तेमाल किया जो सिख समुदाय को अपमानजनक लगा। इससे मौके पर हंगामा शुरू हो गया और वकीलों व उपस्थित लोगों ने उनकी टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई।
बढ़ते गुस्से को देखकर हरक सिंह को वहीं माफी मांगनी पड़ी और वह धरना स्थल छोड़कर चले गए। हालांकि शाम को वह जिला अदालत स्थित बार एसोसिएशन कार्यालय पहुंचे और वकीलों के सामने अपना पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि जिस वकील से उन्होंने बात कही, उनसे उनके निजी संबंध हैं और उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। उन्होंने कहा कि उनकी बात का गलत अर्थ निकाला गया है।
इसके बावजूद सिख समुदाय के लोगों का आक्रोश कम नहीं हुआ। शनिवार को बड़ी संख्या में लोग घंटाघर चौक पहुंचे और हरक सिंह रावत के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की साम्प्रदायिक सौहार्द की भावना से खिलवाड़ करने वाले बयान स्वीकार नहीं किए जाएंगे। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि ऐसी टिप्पणियां करने वाले नेताओं पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी इस प्रकार की टिप्पणी करने से पहले सोचने पर मजबूर हो।
सिख संगठनों ने कहा कि सिख समुदाय देश की रक्षा, बलिदान और सेवा की लंबी परंपरा रखता है। ऐसे में किसी भी सार्वजनिक मंच से उन पर कटाक्ष या अपमानजनक टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
फिलहाल विवाद थमने के आसार नहीं दिख रहे और सिख समुदाय ने कहा है कि वे इस मामले में लिखित माफी और स्पष्ट स्पष्टीकरण की मांग जारी रखेंगे।
