श्रीनगर नगर निगम चुनाव में ‘महासंग्राम’, मेयर की दावेदारी में उतरे ‘दिग्गज’
उत्तराखंड में इन दिनों निकाय चुनाव की धूम है। पॉलिटिकल पार्टीज, कार्यकर्ता, नेता सब निकाय चुनाव के रंग में रंगे हैं। इसी कड़ी में उत्तराखंड की पॉलिटिक्स का मिनी पावर सेंटर कहे जाने वाले श्रीनगर गढ़वाल में भी माहौल गर्म है। यहां भी मेयर पद को लेकर बीजेपी, कांग्रेस के साथ ही निर्दलीय दावेदारी पेश कर रहे हैं। वहीं, वॉर्डों में भी पार्टी सिंबल पाने के लिए होड़ मची है। श्रीनगर गढ़वाल को नगर निगम बने अभी कुछ ही साल हुये हैं। ये श्रीनगर गढ़वाल का पहला नगर निगम चुनाव है। इसलिये सभी खासे उत्साहित हैं। सभी दावेदार सिंबल पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। बीजेपी और कांग्रेस में कम से कम मेयर पद के लए दर्जन भर से अधिक दावेदार हैं। ये सभी हैवीवेट हैं। इसलिए इस बार श्रीनगर गढ़वाल का नगर निगम चुनाव बेहद रोचक होने वाला है।
निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी ने संगठनात्मक तौर पर बड़ी तैयारी की है। बीजेपी ने प्रदेश के 11 नगर निगमों में मेयर कैंडिडेट के चुनाव के लिए पर्यवेक्षक भेजे हैं। इसमें तीन अनुभवी नेताओं को शामिल किया गया। श्रीनगर की बात करें तो यहां के लिए बीजेपी ने भूपाल राम टम्टा, आदित्य कोठारी, नेहा जोशी को पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी सौंपी है। ये तीनों नेता दावेदारों के साथ ही ग्राउंड स्तर पर फीडबैक ले रहे हैं। साथ ही कार्यकर्ताओं से भी बातचीत कर रहे हैं।
श्रीनगर गढ़वाल में बीजेपी की ओर से मेयर पद के लिए कई बड़े दावेदार है। इस कड़ी में पहला नाम युवा नेता सुधीर जोशी का आ रहा है। सुधीर जोशी ने अपने पॉ़लिटिकल करियर की शुरुआत साल 2012 छात्रसंघ चुनाव से की। इस साल सुधीर जोशी गढ़वाल विवि के अध्यक्ष बने। इसके बाद उन्होंने भाजयुमों में बड़ी जिम्मेदारी निभाई। सुधीर जोशी को श्रीनगर शहर में युवा नेता के बड़े चेहरे के तौर पर देखा जाता है। सुधीर जोशी युवाओं के मुद्दों पर मुखर रहते हैं। वे राष्ट्रीय मुद्दों पर भी वीडियोज के जरिये अपने विचार रखते हैं। अभी सुधीर जोशी भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। दावेदारी को लेकर जब सुधीर जोशी से बात की गई तो उन्होंने कहा बीजेपी युवा नेतृत्व को आगे बढ़ा रही है। इसी कड़ी में वे भी दावेदारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा श्रीनगर शहर को लेकर वे बहुत कुछ करना चाहते हैं। जिसके लिए ये सबसे अच्छा जरिया है।
इस कड़ी में लखपत भंडारी का नाम भी चर्चाओं में है। लखपत भंडारी बीजेपी से पूर्व जिप. सदस्य रहे चुके हैं। अभी वे बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष हैं। हाल के ही दिनों में लखपत भंडारी की छवि एक हिंदूवादी नेता के तौर पर बनी है। लखपत भंडारी सनातन धर्म का झंडा बुलंद करने वाले नेताओं में गिने जाते हैं। उत्तरकाशी मस्जिद विवाद के बाद महारैली में लखपत भंडारी शामिल हुये थ। लखपत भंडारी स्थानीय स्तर पर हमेशा ही जनता के बीच रहते हैं। उनके दुख दर्द में शामिल होते हैं। जिसके कारण लोगों का उनसे भावात्मक जुड़ाव है।