UKPCS मेन्स परीक्षा पर हाईकोर्ट की बड़ी रोक! गलत प्रश्नों पर बवाल, अब बदलेगा रिज़ल्ट और मेरिट लिस्ट
हाईकोर्ट
उत्तराखंड सम्मिलित राज्य सिविल प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा 2025 से जुड़ा बड़ा फैसला सामने आया है। हाईकोर्ट ने छह और नौ दिसंबर को प्रस्तावित मेन्स परीक्षा पर अस्थायी रोक लगाते हुए उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को निर्देश दिया है कि वह प्रारंभिक परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी करे। यह रोक प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए एक गलत प्रश्न को लेकर दायर याचिका के बाद लगाई गई है।
नैनीताल हाईकोर्ट में कुलदीप कुमार सहित अन्य अभ्यर्थियों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ ने की। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि प्रारंभिक परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र में कई त्रुटियां थीं, जिनसे अंतिम परिणाम प्रभावित हुआ। कोर्ट में सुनवाई के दौरान आयोग ने भी स्वीकार किया कि सामान्य अध्ययन का एक प्रश्न गलत था और उसे हटाया जाना चाहिए था।
अदालत ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि प्रश्न संख्या 70 को पूरी तरह रद्द किया जाए। इसके अलावा बाकी तीन विवादित प्रश्नों की जांच एक विशेषज्ञ समिति से कराई जाएगी। कोर्ट ने कहा कि जब तक सभी विवादित प्रश्नों की निष्पक्ष जांच पूरी नहीं हो जाती और नई मेरिट सूची तैयार नहीं हो जाती, तब तक मेन्स परीक्षा आयोजित करना न्यायोचित नहीं होगा।
यह परीक्षा डिप्टी कलेक्टर, पुलिस उपाधीक्षक, वित्त अधिकारी, कर अधिकारी, सहायक नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारी सहित 120 से अधिक पदों के लिए आयोजित की जा रही थी। आयोग ने आठ अक्टूबर को प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी किया था, जिसमें लगभग 1200 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए चयनित घोषित किया गया था। लेकिन याचिका में दावा किया गया कि त्रुटिपूर्ण प्रश्नों के कारण कई योग्य उम्मीदवारों को नुकसान हुआ।
कोर्ट के फैसले के बाद अब आयोग को पहले संशोधित प्रारंभिक परीक्षा परिणाम जारी करना होगा। इसके बाद नियमों के अनुसार नई मेरिट सूची बनेगी, जिसके आधार पर मेन्स परीक्षा की नई तारीखें तय की जाएंगी।
यह फैसला उन हजारों अभ्यर्थियों के लिए राहत की खबर है जो पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया और विभिन्न मंचों पर गलत प्रश्नों को लेकर विरोध जता रहे थे। अब अगला कदम आयोग पर है, जो संशोधित परिणाम जारी करने की तैयारी में जुट जाएगा।
