Uttarakhand: लिव-इन के लिए 40 जोड़ों ने किया आवेदन, 22 को नहीं मिली अनुमति

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हरिद्वार जिले में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने के बाद लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के लिए जोड़ों को अब कानूनी तौर पर पंजीकरण कराना अनिवार्य हो गया है। जिले में अब तक कुल 40 जोड़ों ने ऑनलाइन आवेदन किया है, जिनमें से 12 जोड़ों को साथ रहने की अनुमति मिल चुकी है, जबकि 22 आवेदन अधूरे दस्तावेज़ों के कारण निरस्त कर दिए गए हैं। शेष आवेदनों की जांच प्रक्रिया अभी जारी है।

जिला पंचायत राज अधिकारी और यूसीसी पोर्टल के नोडल अधिकारी अतुल प्रताप सिंह ने बताया कि लिव-इन में रहने वाले जोड़ों को पहले अपने रिश्ते का सत्यापन कराना होता है। अगर किसी आवेदन में आवश्यक दस्तावेज़, पहचान प्रमाण या सहमति पत्र नहीं मिलते, तो वह स्वतः निरस्त कर दिया जाता है। उनका कहना है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी और कानूनन मान्यता प्राप्त है, ताकि किसी भी तरह के सामाजिक या कानूनी विवाद से बचा जा सके।

वहीं विवाह पंजीकरण के मामले में हरिद्वार ने पूरे राज्य में रिकॉर्ड बनाया है। जिले में अब तक 90,047 विवाह पंजीकरण हो चुके हैं। इनमें 27,631 पंजीकरण शहरी क्षेत्रों से और 62,416 ग्रामीण इलाकों से किए गए हैं।

ग्राम पंचायत गाजीवाली इस अभियान में सबसे आगे रही है, जिसने अपने क्षेत्र में 26 मार्च 2010 के बाद हुए सभी 201 विवाहों का सौ प्रतिशत पंजीकरण पूरा कर लिया है। इस उपलब्धि के लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और डीपीआरओ अतुल प्रताप सिंह ने ग्राम प्रधान देवेंद्र सिंह नेगी और पूरी टीम को बधाई दी।

उन्होंने सभी ब्लॉकों को निर्देश दिए हैं कि 9 नवंबर तक प्रत्येक विकास खंड की कम से कम पाँच ग्राम पंचायतों में 100 प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए, और 31 दिसंबर तक पूरे जनपद में यह प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाए। इसके लिए नगर निकायों और पंचायतों में रोस्टर के अनुसार पंजीकरण कैंप लगाने की तैयारी की जा रही है।

यूसीसी के तहत लिव-इन जोड़ों के पंजीकरण की यह प्रक्रिया राज्य में कानूनी पारदर्शिता और सामाजिक जिम्मेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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