Uttarakhand : सड़क की आस में पथराई कुलेड़ी के ग्रामीणों की आंखें

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देवप्रयाग विधानसभा के डागर ग्रामसभा के कुलेड़ी गांव के ग्रामीण आज भी सड़क निर्माण की राह देख रहे हैं। आलम ये है कि सड़क न होने से ग्रामीणों को 5 किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करना पड़ रहा है। जिससे ग्रामीणों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खासकर गर्भवती महिलाओं, गंभीर रूप से बीमार और घायलों को आज भी डंडी कंडी के सहारे अस्पताल ले जाना पड़ता है। ग्रामीण कई बार सड़क निर्माण की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उनका आरोप है कि उन्हें आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला।

साल 2016 में स्वीकृत हो चुकी थी सड़क: टिहरी जिले के कुलेड़ी गांव के ग्रामीणों ने बताया कि साल 2016 में सड़क स्वीकृत हो चुकी है, लेकिन सड़क निर्माण का कार्य आज तक शुरू नहीं हो पाया है। सड़क न होने से ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ रहा है। ग्रामीण आगामी पंचायत चुनाव बहिष्कार का भी मन बना रहे हैं। कुलेड़ी की 60 साल की चैता देवी बताती हैं कि जब से ब्याह होकर वो इस गांव में आई हैं, तब से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गांव को जाने के लिए मात्र एक पगडंडी है, जिस पर पैदल ही सिर पर सामान, सिलेंडर आदि लाद कर गांव जाना पड़ता है।

डंडी कंडी का सहारे मरीज और गर्भवती: बुर्जुग, गर्भवती और घायलों को आज भी अस्पताल ले जाने के लिए डंडी कंडी का सहारा लेना पड़ता है। ऐसे में कई बार उनकी अस्पताल जाने से पहले की मौत हो जाती है। कुलड़ी गांव के राजेंद्र डोभाल बताते हैं कि गांव के लिए साल 2016 में सड़क स्वीकृत हो गई थी, लेकिन सड़क निर्माण का काम आज तक शुरू नहीं हो पाया। इस संबंध में कई बार स्थानीय विधायक से लेकर शासन प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक सड़क का निर्माण नहीं हो किया जा सका है।

पंचायत चुनाव बहिष्कार की चेतावनी, विधायक ने कही ये बात: वहीं, कुलेड़ी गांव के लोगों ने सरकार और शासन प्रशासन को चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में पंचायत चुनाव होने वाले हैं। जिसका वो पुरजोर विरोध करेंगे। जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

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