अंटार्कटिका की बर्फीली चोटी पर उत्तराखंड की जीत, कविता चंद ने माउंट विंसन फतह कर रचा इतिहास
कविता चंद
उत्तराखंड के अल्मोड़ा की बेटी कविता चंद ने अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट विंसन (4,892 मीटर) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है। दुनिया की सबसे दुर्गम और चुनौतीपूर्ण चोटियों में शामिल माउंट विंसन को फतह करना किसी भी पर्वतारोही के लिए बड़ी उपलब्धि माना जाता है। अत्यधिक ठंड, एकांत वातावरण और अंटार्कटिका के लगातार बदलते मौसम के बीच कविता की यह सफलता साहस, संकल्प और दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक है।
मूल रूप से अल्मोड़ा की रहने वाली कविता चंद वर्तमान में मुंबई में निवास करती हैं। माउंट विंसन पर चढ़ाई उनके महत्वाकांक्षी ‘सेवन समिट्स’ अभियान का एक अहम पड़ाव है, जिसके तहत दुनिया के सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फतह किया जाता है। इससे पहले कविता यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रस पर भी सफलतापूर्वक चढ़ाई कर चुकी हैं, जिससे वह इस वैश्विक चुनौती को पूरा करने की दिशा में मजबूत स्थिति में पहुंच गई हैं।
कविता का यह अभियान तीन दिसंबर को भारत से रवाना होने के साथ शुरू हुआ। चार दिसंबर की शाम वह चिली के पुंटा एरेनास पहुंचीं, जहां से सात दिसंबर को यूनियन ग्लेशियर के लिए उड़ान भरी। उसी दिन वह करीब 2,100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित विंसन बेस कैंप पहुंचीं। यूनियन ग्लेशियर से बेस कैंप तक का अंतिम सफर स्की-सुसज्जित छोटे विमान से तय किया गया, जो अंटार्कटिका अभियानों की जटिल और चुनौतीपूर्ण लॉजिस्टिक्स को दर्शाता है।
माउंट विंसन पर चढ़ाई के दौरान बेहद कम तापमान, तेज हवाएं और सीमित संसाधन सबसे बड़ी चुनौती रहे। कठिन परिस्थितियों के बावजूद कविता ने मानसिक मजबूती और अनुशासन के बल पर शिखर तक पहुंचकर भारतीय तिरंगे को लहराया। उनकी इस उपलब्धि से न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश में गर्व और खुशी का माहौल है।
कविता चंद की यह सफलता खासतौर पर युवाओं और महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने यह साबित किया है कि समर्पण, मेहनत और आत्मविश्वास के साथ दुनिया की सबसे कठिन चुनौतियों को भी पार किया जा सकता है। अंटार्कटिका की बर्फीली चोटियों से लेकर उत्तराखंड के पहाड़ों तक, कविता की यह जीत भारत के साहस और संकल्प की पहचान बन गई है।
