बारिश की बेरुखी से बिगड़ी उत्तराखंड की हवा, AQI 200 पार, दिसंबर में टूटा गर्मी का रिकॉर्ड
उत्तराखंड
उत्तराखंड में लंबे समय से बारिश न होने का असर अब मौसम के साथ-साथ हवा की सेहत पर भी साफ दिखाई देने लगा है। प्रदेश में सर्दियों के बीच सूखी ठंड और बढ़ते प्रदूषण ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। राजधानी देहरादून में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी AQI 200 के पार पहुंच गया है, जो सेहत के लिहाज से चिंताजनक माना जा रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार आने वाले दिनों में कोहरे की स्थिति और बिगड़ने से मैदानी इलाकों की आबोहवा और खराब हो सकती है।
मंगलवार को देहरादून का AQI 207 दर्ज किया गया, जबकि काशीपुर का 128 और ऋषिकेश का 85 रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि अक्तूबर और नवंबर के कुछ दिनों को छोड़ दें तो अब तक पूरे प्रदेश में सर्दियों की बारिश लगभग नहीं हुई है। बारिश के अभाव में हवा में धूल और प्रदूषण के कण जमा हो रहे हैं, जिससे वायु गुणवत्ता लगातार गिरती जा रही है। इसके साथ ही जलवायु परिवर्तन और मौसम के बदलते पैटर्न का सीधा असर तापमान पर भी देखने को मिल रहा है।
दिसंबर के महीने में जहां ठंड अपने चरम पर होनी चाहिए, वहीं इस बार गर्मी ने नए रिकॉर्ड बना दिए हैं। मंगलवार को देहरादून का अधिकतम तापमान सामान्य से करीब पांच डिग्री अधिक 26 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग के अनुसार आधे दिसंबर में इतनी गर्मी पहले कभी दर्ज नहीं की गई। इससे पहले आठ दिसंबर को भी आठ साल बाद असामान्य गर्मी देखी गई थी।
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. विजय भंडारी के अनुसार बारिश न होने से हवा में धूल के कण लंबे समय तक बने रहते हैं, जिससे अस्थमा, एलर्जी, फेफड़ों के संक्रमण और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। चिकित्सकों ने लोगों को बाहर निकलते समय मास्क पहनने और अनावश्यक रूप से खुले में रहने से बचने की सलाह दी है।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार फिलहाल 20 दिसंबर तक प्रदेश में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। हालांकि 21 दिसंबर के बाद उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ के कुछ इलाकों में बारिश और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के आसार जताए गए हैं, जिससे मौसम और हवा की सेहत में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
