अवैध कब्जों पर बड़ी कार्रवाई; यूजेवीएनएल और प्रशासन की टीम को ग्रामीणों का विरोध भी झेलना पड़ा
अवैध कब्जों
विकासनगर में शक्ति नहर किनारे अवैध कब्जों को हटाने के लिए उत्तराखंड जल विद्युत निगम (यूजेवीएनएल) ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई शुरू की है। रविवार को निगम, पुलिस और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ढालीपुर से ढकरानी तक पहुंची और जेसीबी की मदद से अवैध निर्माणों को हटाने का काम शुरू किया। यह तीसरी बड़ी कार्रवाई है, जो शक्ति नहर की सुरक्षा और सुचारू जल प्रवाह को बनाए रखने के लिए की जा रही है।
कार्रवाई शुरू होते ही कई स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया। ग्रामीणों ने प्रशासनिक टीम के सामने विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि उन्होंने लंबे समय से यहां बसेरे बना रखे हैं और अचानक हटाया जाना उनके लिए परेशानी खड़ी कर देगा। विरोध के बावजूद पुलिस-प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित किया और कार्रवाई जारी रखी।
निगम की ओर से बताया गया कि शक्ति नहर के आसपास कुल 118 अवैध कब्जों को चिन्हित किया गया है। इनमें कई पक्के निर्माण, शेड, अवैध दुकानों और अस्थायी ठिकानों को शामिल किया गया है। निगम का कहना है कि नहर की सुरक्षा के लिए इसके किनारों पर किसी भी तरह का निर्माण पूरी तरह प्रतिबंधित है, क्योंकि इससे नहर की संरचना को नुकसान पहुंच सकता है और किसी भी आपदा के समय बड़ा खतरा बन सकता है।
यह पहली बार नहीं है जब शक्ति नहर पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई हो। इससे पहले मार्च 2023 में 350 और दिसंबर 2023 में 106 अवैध कब्जों को हटाया गया था। बावजूद इसके, दोबारा कब्जे होने की घटनाओं को देखते हुए निगम ने सख्ती बरतने का फैसला लिया है।
यूजेवीएनएल अधिकारियों का कहना है कि कई बार नोटिस देने और चेतावनी जारी करने के बावजूद लोग दोबारा कब्जा कर लेते हैं। ऐसे में मजबूरन प्रशासन को कार्रवाई करनी पड़ती है, ताकि नहर की सुरक्षा और जल आपूर्ति पर कोई असर न पड़े।
अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि जहां जरूरत होगी, वहां आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी। वहीं, ग्रामीणों ने सरकार से पुनर्वास और विकल्प उपलब्ध कराने की मांग की है, ताकि उन्हें अचानक बेघर न होना पड़े।
