उत्तराखंड बर्ड सेंसेस: दूसरे दिन 397 प्रजातियों की पहचान, नैनीताल और देहरादून बने अव्वल
प्रजातियों
उत्तराखंड में चल रही राज्य स्तरीय पक्षी गणना के दूसरे दिन बर्ड वॉचर्स ने बड़ी संख्या में पक्षियों का अवलोकन कर उनका विवरण दर्ज किया। इस अभियान में पूरे प्रदेश से 208 बर्ड वॉचर शामिल हुए, जिन्होंने विभिन्न इलाकों में घूमकर कुल 397 अलग-अलग पक्षी प्रजातियों की पहचान की और उनकी लोकेशन, गतिविधियों तथा अन्य महत्वपूर्ण विवरणों को रिपोर्ट किया।
अभियान के अनुसार, नैनीताल जिले में सर्वाधिक 255 प्रजातियों को देखा गया, जबकि देहरादून जिले में 214 प्रजातियां दर्ज हुईं। पहाड़ों और तराई के विविध भौगोलिक क्षेत्रों में फैले प्राकृतिक आवासों ने विभिन्न प्रवासी और स्थानीय पक्षियों को आकर्षित किया, जिससे गणना के आंकड़े और भी समृद्ध हुए।
पौड़ी गढ़वाल जिले में 139 प्रजातियां दर्ज की गईं, जिसमें ऊंचाई वाले क्षेत्रों से लेकर नदी किनारे बसे जंगलों तक के इलाके शामिल थे। इस अभियान से जुड़े रिया जैन और आर्यन कोली ने बताया कि मौसम की अनुकूलता और वन क्षेत्र में बढ़ती जागरूकता के कारण इस वर्ष रिकॉर्ड संख्या में पक्षियों का अवलोकन संभव हो सका।
गणना के दौरान बर्ड वॉचर्स ने हिमालयन ग्रिफिन गिद्ध, स्टेप्पी ईगल, कॉमन किंगफिशर, हिल मयना, व्हाइट-थ्रोटेड फैंटेल, वुडपेकर समेत कई दुर्लभ और रोचक प्रजातियों को देखा। कई पक्षियों का व्यवहार, सुबह-सवेरे की उड़ान, भोजन की तलाश और समूहों में मूवमेंट भी रिपोर्ट किया गया, जिससे प्राकृतिक विविधता पर महत्वपूर्ण डेटा मिला है।
राज्य में इस बार बर्ड वॉचिंग में युवाओं और महिलाओं की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही। कई स्कूल और कॉलेज छात्रों ने भी अभियान में हिस्सा लेकर पक्षियों की पहचान, उनकी आवाज़ और उनके आवासों के बारे में जानकारी जुटाई। इससे नई पीढ़ी में प्रकृति संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ी है।
अभियान पूरा होने के बाद सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। वन विभाग और स्थानीय पर्यावरण संगठनों ने उम्मीद जताई है कि यह डेटा राज्य में पक्षी संरक्षण योजनाओं, जंगलों के प्रबंधन और प्रवासी पक्षियों के लिए सुरक्षित आवास तैयार करने में मददगार साबित होगा।
