Srinagar Leopard Fear: गुलदार की दहशत से शादी समारोह फीके, रात में घरों से निकलना मुश्किल
गुलदार
श्रीनगर गढ़वाल में गुलदार की बढ़ती चहलकदमी लोगों के लिए बड़ी चिंता का कारण बन गई है। खासकर शाम ढलते ही लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। गुलदार का खौफ इतना बढ़ गया है कि शादी-ब्याह जैसे खुशियों भरे आयोजन भी अब सन्नाटे में बदलने लगे हैं। लोग औपचारिकता निभाकर तुरंत घर लौट जा रहे हैं। श्रीनगर नगर की कई बस्तियों—भक्तियाना, डाकबंगला, श्रीकोट और बजीरों का बाग में गुलदार के बार-बार दिखने से माहौल डर का बना हुआ है।
बुधवार देर शाम भक्तियाना के शीतला देवी मंदिर रोड पर गुलदार देखे जाने के बाद कुछ ही देर में महिला थाना क्षेत्र में भी उसकी मौजूदगी कैमरे में कैद हुई। मंगलवार को बजीरों का बाग क्षेत्र में उसने गाय का पीछा किया था। स्थानीय लोग बताते हैं कि अब गुलदार दिन में भी नजर आने लगा है, जिससे बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। लोग कहते हैं कि रात को तो दूर, सुबह और दोपहर में भी अकेले चलना जोखिम भरा हो गया है।
स्थानीय निवासियों—अजय काला, समीर बिष्ट, महंत महेश गिरी, हेमेंद्र भट्ट, गजेंद्र मैठाणी, रक्षित बहुगुणा और अंजना रावत—का कहना है कि गुलदार के डर से उनके कई सामाजिक कार्यक्रम प्रभावित हुए हैं। शादी समारोह जहां पहले देर रात तक चलती थीं, अब केवल रस्में निभाकर लोग तुरंत घर रवाना हो जा रहे हैं। कई बच्चे पिछले कुछ दिनों से घर से बाहर तक नहीं निकले हैं।
घसिया महादेव, डाक बंगला, इंटर कॉलेज रोड और श्रीकोट में लोग हर कदम पर सतर्क होकर चल रहे हैं। स्थानीय लोगों ने वन विभाग से तुरंत पिंजरा लगाकर गुलदार को पकड़ने की मांग की है। वन क्षेत्राधिकारी दिनेश नौटियाल ने बताया कि शिकायतें लगातार मिल रही हैं और विभाग की टीम प्रभावित क्षेत्रों में गश्त कर रही है। लोगों को सतर्क रहने के साथ जागरूक भी किया जा रहा है।
इसी बीच खंडाह के पास वन विभाग ने एक गुलदार को पिंजरे में कैद किया है। कोटी और नयालगढ़ क्षेत्र में सक्रिय यह गुलदार गुरुवार सुबह पकड़ा गया। इसकी उम्र लगभग चार वर्ष बताई जा रही है। गुलदार को पौड़ी भेजकर मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है। हालांकि लोग अब भी आशंकित हैं कि क्षेत्र में एक से अधिक गुलदार सक्रिय हैं।
वन विभाग ने दो और पिंजरे लगाए हैं, जबकि टीम के साथ शूटर भी तैनात किए गए हैं। स्कूल के समय बच्चों की सुरक्षा और जंगल में घास लेने जाने वाली महिलाओं की निगरानी की जा रही है। विभाग की ओर से लगातार गश्त और जागरूकता अभियान जारी है ताकि किसी भी अनहोनी को रोका जा सके।
