Dehradun Tragedy: हाथी के हमले में छठवीं के छात्र की मौत, जौलीग्रांट में गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार

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हाथी

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जौलीग्रांट में हाथी के हमले में मारे गए छठवीं कक्षा के छात्र कुनाल की अंत्येष्टि शुक्रवार को गमगीन माहौल में की गई। घर पर पहुंचे बेटे के निर्जीव शरीर को देखते ही परिवार फफक पड़ा। कोठारी मोहल्ला शोक में डूब गया और हर ओर चीख-पुकार मच गई। पड़ोसी, रिश्तेदार और परिचितों की भीड़ बच्चे के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़ी, लेकिन माहौल में सिर्फ दर्द और सन्नाटा था।

गुरुवार शाम को कालू सिद्ध मंदिर के पीछे वन मार्ग पर अचानक जंगली हाथी आ पहुंचा और उसने स्कूल के छात्र कुनाल पर हमला कर दिया। हाथी ने उसे पटक दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की खबर मिलते ही गांव में अफरा-तफरी फैल गई। शुक्रवार सुबह उसका शव पोस्टमार्टम के बाद घर लाया गया, जहां परिवार का रो-रोकर बुरा हाल था।

इस घटना ने इलाके में वन्यजीवों की बढ़ती आवाजाही और सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शुक्रवार सुबह कालूवाला क्षेत्र में भी वन गश्त के दौरान हाथी ने एक वनकर्मी का पीछा किया। हालांकि वह किसी तरह जान बचाकर भाग निकला, लेकिन घटना से दहशत और बढ़ गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए विधायक के निर्देश पर थानो रेंज अधिकारियों ने कालूसिद्ध–धन्याड़ी मार्ग के दोनों ओर खाई खोदकर रास्ता बंद कर दिया है, ताकि हाथियों की आवाजाही को रोका जा सके।

घटना के बाद वन विभाग पूरी तरह सक्रिय रहा। थानो रेंजर एनएल डोभाल सबसे पहले जौलीग्रांट अस्पताल पहुंचे और परिवार को सांत्वना दी। विभाग ने मृतक के परिजनों को राहत राशि भी प्रदान की। शुक्रवार को पंचनामा, पोस्टमार्टम और अंत्येष्टि तक रेंजर अपनी टीम के साथ लगातार मौजूद रहे। अंतिम संस्कार की पूरी व्यवस्था भी वन विभाग की ओर से की गई, ताकि शोक संतप्त परिवार को किसी तरह की परेशानी न हो।

जूनियर हाईस्कूल कोठारी मोहल्ला के प्रधानाचार्य अनिरूद्ध सोलंकी, सभासद राजेश भट्ट, अर्जुन रावत, गुड्डू चौहान, बालम सिंह, तेजवीर रावत और राकेश डोभाल समेत कई लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए। क्षेत्र में अभी भी भय का माहौल है और लोग मांग कर रहे हैं कि वन विभाग जल्द प्रभावी कदम उठाए, ताकि ऐसी दिल दहला देने वाली घटनाएं दोबारा न हों।

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